पांडवों ने कौरवों से मांगे थे ये 5 गांव, अब इस नाम से जानते हैं इसे

Abhinaw Tripathi
May 13, 2024

Mahabharata Story

महाभारत का युद्ध से पहले पांडवों ने कौरवों से रहने के लिए 5 गांव की मांग की थी. लेकिन दुर्योधन ने उसे भी नहीं दिया. जिसके बाद महाभारत का युद्ध हुआ. आइए जानते हैं कि उन गांवों का द्वापर युग में क्या नाम था और अब क्या नाम है.

5 गांव

महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने कौरवों से अपने रहने के लिए 5 गांव की मांग की थी.

दुर्योधन का इन्कार

पांडवों ने दुर्योधन से कहा था कि उन्हें 5 गांव दें दे. पांडव वहीं से खुशी से अपना जीवन गुजार लेंगे.

कौन थे गांव

पांडवों ने जिन 5 गांवों की मांग की थी उसमें इंद्रप्रस्थ, व्याघ्रप्रस्थ, स्वर्णप्रस्थ, पांडुप्रस्थ, तिलप्रस्थ शामिल थे.

इंद्रप्रस्थ

पहले गांव का नाम इंद्रप्रस्थ था. इस समय इंद्रप्रस्थ दिल्ली की एक जगह का नाम है. ऐसा माना जाता है कि इसकी ही मांग पांडवों ने की थी.

व्याघ्रप्रस्थ

दूसरे गांव का नाम व्याघ्रप्रस्थ था. व्याघ्रप्रस्थ का मतलब बाघों के रहने की जगह है. इस समय इसे बागपत के नाम से जाना जाता है. जो यूपी का एक जिला है.

स्वर्णप्रस्थ

तीसरे गांव का नाम स्वर्णप्रस्थ था. इस समय इसे सोनीपत के नाम से जाना जाता है. ये हरियाणा राज्य में स्थित है.

पांडुप्रस्थ

चौथे गांव का नाम पांडुप्रस्थ था. इस समय इसे पानीपत के नाम से जाना जाता है. ये कुरूक्षेत्र के पास स्थित था.

तिलप्रस्थ

पांचवें गांव का नाम तिलप्रस्थ था. इस समय इसे तिलपत के नाम से जाना जाता है. अब ये हरियाणा के फरीदाबाद जिले का एक कस्बा है.

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