युवाओं के सर चढ़कर बोलती है राहत इंदौरी की ये शायरियां; जानें
Abhinaw Tripathi
Jan 08, 2025
Rahat Indori Shayari
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से ताल्लुक रखने वाले मशहूर शायद राहत इंदौरी को आज भी लोग खूब सुनते हैं, हम यहां बताने जा रहे हैं राहत साहब की उन शायरियों के बारे में जो युवाओं के सर चढ़कर बोलती है.
उस की याद
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है.
शाख़ों से टूट
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे.
हम से
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते.
होंटों पे चिंगारी
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो.
धज्जियाँ
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाए.
ख़्वाब मेयारी
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो.
लौट आया
वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा,
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया.
छू कर देखा
तेरी महफ़िल से जो निकला तो ये मंज़र देखा,
मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा.