MP में दुनिया का अनोखा मंदिर, यहां राम के बिना होती है माता सीता की पूजा

Shikhar Negi
Apr 15, 2024

देशभर में 17 अप्रैल को बड़े ही धूमधाम के साथ राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा.

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, अभितीज मुहूर्त और कर्क लग्न में भगवान राम का जन्म हुआ था.

ये तो आप जानते ही हैं कि माता सीता को भगवान राम से अलग देख पाना संभव नहीं है.

हम आपको मध्यप्रदेश के ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां माता सीता को बिना राम भगवान के पूजा जाता है.

बता दें कि श्रीलंका के बाद दुनिया में यह दूसरा मंदिर है, जहां मंदिर में मां सीता बिना राम के विराजी हैं.

जानकी मंदिर

हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के अशोकनगर के करीला में स्थित जानकी मंदिर की. जहां माता सीता अपने दोनों पुत्र लव और कुश के साथ विराजमान हैं.

यहां भगवान राम की मूर्ति नहीं

इस मंदिर में सीता जी के साथ भगवान राम की मूर्ति नहीं है. यहां माता सीता की आराधना ही की जाती है.

भगवान राम ने सीता का त्‍याग किया

दरअसल मान्यता के अनुसार लंका से लौटने के बाद जब भगवान राम अयोध्या के राजा और माता सीता महारानी थीं, तब किसी अयोध्यावासी की बातों में आकर भगवान राम ने सीता का त्‍याग कर दिया था.

करीला स्थित निर्जन वन में सीता को छोड़ा

मान्यता के अनुसार सीता को त्यागने के बाद लक्ष्‍मण सीता जी को करीला स्थित निर्जन वन में छोड़कर चले गए थे.

महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था

यहीं पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था, जहां माता सीता ने अपना जीवन बिताया. यहीं पर उन्होंने अपने पुत्रों को जन्म दिया और दोनों ने यहीं शिक्षा दीक्षा ली.

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