रावण की बेटी के बारे में थाईलैंड की रामकियेन और कंबोडिया की रामकेर रामायण में मिलता है.
दोनों में बताया जाता है कि रावण के 7 पुत्रों के अलावा उसकी एक बेटी भी थी.
रावण की बेटी का नाम सुवर्णमत्स्य था. जो कि एक बेहद सुंदर थी और उसे स्वर्ण जलपरी भी कहा जाता है.
रामकियेन और रामकेर रामायण के अनुसार सुवर्णमत्स्य हनुमान जी से प्यार हो गया था.
जब वानर सेना लंका जाने के लिए पत्थरों से पुल बना रहे थे, तब कुछ पत्थर गायब हो जा रहे थे.
हनुमान जी ने समुद्र में उतर कर देखा कि आखिर की ये पत्थर जा कहा रहें है.
हनुमान जी ने देखा की पानी के अंदर जो जीव रहते हैं वह पत्थरों को लेकर कहीं और जा रहे थे.
हनुमान जी ने उनका पीछा किया तो पता चला कि यह कार्य रावण की बेटी सुवर्णमत्स्य के निर्देश पर कर रहे थे.
कथा के मुताबिक सुवर्णमत्स्य ने जैसे ही हनुमान जी को देखा, उसे उनसे प्यार हो गया है.
हनुमान जी ने उसे समझाया कि रावण क्या गलत काम कर रहा है, तब उसने चट्टानों को लौटा दिया.