रूह में उतर जाएंगी राहत इंदौरी की ये शायरियां; बस एक बार पढ़ें इसे

Harsh Katare
Dec 09, 2024

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे

अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते

इक मुलाक़ात का जादू कि उतरता ही नहीं तेरी ख़ुशबू मेरी चादर से नहीं जाती है

क्या खरीदोगे ये बाजार बहुत महंगा है, प्यार की जिद ना करो, प्यार बहुत महंगा है

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यार से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है

फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

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