Munawwar Rana: सपना खत्म होता है...यहां पढ़ें मुनव्वर राना के चर्चित शेर

Abhinaw Tripathi
Jan 15, 2024

Munawwar Rana

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का बीते रात लखनऊ में निधन हो गया. उनके निधन के बाद देश- दुनिया की साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर है. यहां पढ़ें मुनव्वर राणा के बेहतरीन शेर.

Munawwar Rana

पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई, लेकिन वो चेहरा आँखों से ओझल न हो सका.

Munawwar Rana

किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा, अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा.

Munawwar Rana

एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना.

Munawwar Rana

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है.

Munawwar Rana

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है, मां दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.

Munawwar Rana

उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर, ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गए.

Munawwar Rana

अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है, जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है.

Munawwar Rana

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई.

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