दिमाग और दिल में किसे सुनें? विवेकानंद जी के विचारों से जानें
Abhinaw Tripathi
Jun 07, 2024
Swami Vivekanand ji ke Vichar
जिंदगी में कई बार लोग अपने फैसले से परेशान रहते हैं. ऐसे में वो दिल दिमाग में किसे सुने इसे लेकर कन्फ्यूज रहते हैं. इन लोगों को हम बताने जा रहे हैं विवेकानंद जी के विचारों के बारे में.
वापस पाना
सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते हैं.
द्वेष मृत्य
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं, विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं.
खुद को कमजोर समझना
खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
पढ़ा नहीं सकता
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है.
बाहरी स्वभाव
बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं.
व्यायामशाला
विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं.
दिल और दिमाग
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
गलत मार्ग
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.