रायसेन जिले में है ऐतिहासिक स्तूप; यहां दूर- दराज से आते हैं सैलानी

Abhinaw Tripathi
Dec 25, 2024

Historical Place

मध्य प्रदेश अपने गौरव शाली इतिहास के लिए दुनिया भर में फेमस है, यहां पर कई ऐसी जगहें हैं जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं, ऐसे ही हम बात करने जा रहे हैं प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची के स्तूप के बारे में, आइए जानते हैं.

आकर्षक

प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची का स्तूप काफी ज्यादा आकर्षक है, जिसकी वजह से इसका इतिहास दुनियाभर के लोगों को अपनी तरफ खींच लेता है.

UNESCO

इसके स्वर्णिम इतिहास की वजह से 1989 में UNESCO ने सांची स्तूप को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था.

तीसरी सदी

सम्राट अशोक ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में सांची स्तूप का निर्माण कराया था.

व्यास

मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि सांची स्तूप का व्यास 36.5 mऔर ऊंचाई लगभग 21.64 m है.

ये ऐतिहासिक स्थान

ये ऐतिहासिक स्थान विदिशा से 10 किलो मीटर की दूरी रायसेन जिले में स्थित है.

कलिंग युद्ध

कलिंग युद्ध में हुए भीषण रक्तपात के बाद अशोक ने तलवार छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने के बाद अशोक ने सांची स्तूप को बनवाया था.

बौद्ध अध्ययन

सांची स्तूप बौद्ध अध्ययन और शिक्षा केंद्र के तौर पर बनाया गया था. सांची स्तूप को देश को सबसे पुराना शैल संरचना माना जाता है.

प्रेम

कई अभिलेखों में सांची स्तूप को ककनादबोट कहा गया है. बता दें कि ये प्रेम, विश्वास, शांति और साहस का प्रतीक माना जाता है.

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