कहिए तो आसमां को ज़मीं पर उतार लाएं ,मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए.
कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में ढल गए, कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में बदल गए.
अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा.
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं.
भंवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो, कहां तक चलोगे किनारे-किनारे.
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं.
देख यूं वक़्त की दहलीज़ से टकरा के न गिर, रास्ते बंद नहीं सोचने वालों के लिए.