छत्तीसगढ़ में बोली जाती हैं इतनी ट्राइबल भाषाएं, रह जाएंगे हैरान

Zee News Desk
May 11, 2024

गोंडी भाषा

यह भाषा प्रमुख रूप से गोंड जनजाति द्वारा बोली जाती है. गोंड जनजाति सबसे बड़े आदिवासी समूहों में से एक है.

दोरली भाषा

छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भागों में रहने वाली दोरला जनजाति दोरली बोलते हैं. यह भाषा लोक कथाओं और पारंपरिक आख्यानों से समृद्ध है.

कोरवा भाषा

कोरवा सरगुजा और जशपुर जिलों में रहने वाली कोरवा जनजातियों द्वारा बोली जाती है.

भौगोलिक विभाजन के आधार पर छत्तीसगढ़ में कई भाषाएं बोली जाती है.

केदरी छत्तीसगढ़ी

केदरी भाषा हिंदी से प्रभावित है. ये भाषा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, रायपुर, राजनांदगांव, धमतरी, कांकेर जिले में अधिकतर बोली जाती है.

उत्ती छत्तीसगढ़ी

उत्ती छत्तीसगढ़ी, जिसे लारिया भी कहा जाता है, ज्यादातर छत्तीसगढ़ के रायगढ़, महासमुंद, गरियाबंद, रायपुर जिले में बोली जाती है.

बुदाती/खलटाही छत्तीसगढ़ी

खलटाही छत्तीसगढ़ी में मराठी भाषा का प्रभाव देखा जा सकता है.

भंडार छत्तीसगढ़ी

इसे सरगुजिया छत्तीसगढ़ी के नाम से भी जाना जाता है. यह ज्यादातर छत्तीसगढ़ के कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर जिले में बोली जाती है.

रक्शौं छत्तीसगढ़ी

ये भाषा ज्यादातर छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र (बस्तर) में बोली जाती है.

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