धार भोजशाला में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित, जानें क्या है विवाद?

Ruchi Tiwari
Mar 22, 2024

धार भोजशाला में प्रवेश प्रतिबंधित

धार भोजशाला में पहले दिन ASI सर्वे का बाद पुरातत्व विभाग ने जारी किया आदेश.

जारी हुआ आदेश

पुरातत्व विभाग ने जारी किया आदेश. हालांकि, मंगलावर को पुष्प और चावल के साथ पूजा और शुक्रवार को दोपहर 1-3 बजे तक नमाज पढ़ने की अनुमति.

क्या है धार भोजशाला विवाद?

परमार वंश के राजा भोज ने धार जिले में सरस्वती सदन की स्थापना की थी, जो महाविद्यालय था. बाद में ये भोजशाला बना.

ऐसा कहा जाता है कि बाद में खिलजी ने यहां मकबरा और दरगाह का निर्माण कराया.

अंग्रेजों के शासनकाल में जब यहां खुदाई की गई तो सरस्वती की मूर्ति निकली, जिसे लंदन भेज दिया गया. मूर्ति अब भी वहां म्यूजियम में रखी हुई है.

साल 1995 में धार भोजशाला को लेकर विवाद शुरू हुआ.

हिंदू संगठन भोजशाला को सरस्वती को समर्पित मंदिर मानते हैं, जबकि मुसलमान भोजशाला को भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद कहते हैं.

अब कोर्ट के आदेश के बाद यहां ASI का सर्वे शुरू हो गया है, जिसके पूरे होने के बाद यहां कि स्थिति साफ हो जाएगी.

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