चंड महासेन ने रखा था हाथ चंबल की दुखती रग पर हाथ, जानिए क्यों बना था डकैत

Abhinaw Tripathi
Aug 04, 2024

Chambal Historical Story

इतिहास से जुड़ी हुई कई कहानियां प्रचलित है, ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं चंबल के पहले डकैत की कहानी़.

महाभारत काल

चंबल की घाटी का जिक्र महाभारत काल में भी हुआ है. राजा रंतिदेव की वजह से भी चंबल जाना जाता रहा है. इनके शासन काल में दिल्ली से भाग कर आए तोमर राजवंश ने भी यहां पर शरण पाई थी.

चंबल घाटी

मुगलों और अंग्रेजों के काल से डाकूओं की वजह से चंबल घाटी को जाना जाने लगा था. यहां के डाकूओं की देश भर में दहशत थी.

पहला डाकू

लेकिन बहुत से कम लोग जानते हैं कि चंबल का पहला डाकू कौन था. आइए हम बताने जा रहे हैं चंबल का पहला डाकू कौन था.

चंड महासेन

ऐसा कहा जाता है कि धौलपुर के वत्स गोत्रीय सामंत चंड महासेन चंबल का पहला डाकू था. जो अधिकार छीन लिए जाने पर बगावत कर डाकू बन गया था.

धौलपुर सामंत

दिल्ली में तोमर शासन समाप्त होने के बाद धौलपुर सामंत को हटा कर मालवा के शासक राजा भोज ने अपना सामंत नियुक्त कर दिया, जो वत्स वंश के युवराज महासेन को नामंजूर था.

हो गया बागी

इसके बाद वंशानुगत अधिकार को हासिल करने के लिए महासेन बागी हो गया और चंबल के बीहड़ों में उसने अपनी सेना के साथ शरण ली.

कर वसूलना

यहां चंबल के रास्ते मालवा की तरफ जाने वाले व्यापारियों से उसने कर वसूलना शुरु कर दिया. कर न देने वालों को दंड भी देने लगा. ऐसा करने की वजह से उसके नाम के आगे व्यापारियों ने चंड जोड़ दिया.

बुरे दिन की शुरुआत

एक तरफ शासक राजा भोज ने सांमत के कार्यभार को संभाला था, दूसरी तरफ महासेन का ये रवैय्या चंबल के इतिहास में बुरे दिनों की शुरुआत के जैसा था.

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