राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां पर घूमने-फिरने के लिए बहुत सारी जगहें हैं. यहां की हवेलियां, महल, संस्कृति लोगों का मन मोह लेती हैं.
अलवर जिले की खासियतें
आज आपको राजस्थान के अलवर जिले की खासियत बताने जा रहे हैं, जहां पर एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए.
बाला किला
अलवर का बाला किला काफी पॉपुलर है. इसकी नींव दसवीं सदी में एक पहाड़ी पर मिट्टी के किले पर रखी गई थी और फिर बाद में इसे एक शानदार किले में बदल दिया गया था.
सिटी पैलेस
अलवर में बना सिटी पैलेस काफी पॉपुलर है. इसे राजा बख्तावर सिंह ने 1793 ई. में बनवाया था. इसकी वास्तु कला राजपूताना है और शैली इस्लामिक है.
मूसी महारानी की छतरी
अलवर जाने वाले लोग मूसी महारानी की छतरी घूमना नहीं भूलते हैं. इसे राजा बख्तावर सिंह की रानी मूसी की याद में बनवाया गया था. यह संगमरमर से बनी है और छतरी में 12 विशाल और 27 बाकी अन्य स्तंभ हैं.
अलवर का पुरजन विहार
अलवर का पुरजन विहार पर्यटकों में काफी पॉपुलर है. यह एक हेरीटेज पार्क है और इस कंपनी गार्डन भी कहा जाता था. यहां ठंडक रहती है और इसे महाराज मंगल सिंह ने 1885 ईस्वी में शिमला नाम भी दिया था.
अलवर की पहाड़ी किला केसरोली लोगों के बीच काफी पॉपुलर है. इसे यदुवंशी राजपूत ने 14वीं सदी में बनवाया था. फिलहाल इसे हेरिटेज होटल के रूप में बदल दिया गया है.
नीमराना फोर्ट
अलवर का नीमराना फोर्ट पर्यटकों के बीच काफी फेमस है. इसे भगवान कृष्ण के वंशज यदुवंशियों ने बनवाया था. बताया जाता है कि कई युद्ध के बाद इसके लिए को 1775 में राजपूतों ने वापस जीता था.