क्या है गुप्तदान

शास्त्रो में गुप्तदान को महादान की संज्ञा दी गयी है, जब ये दान किया जाता है तो आपके पुण्य कर्मों में दोगुनी बढ़ोत्तरी होती है.

Pragati Awasthi
Sep 14, 2023

क्यों कहलाता है ये महादान

गुप्तदान के बारे में किसी को नहीं बताया जाता वरना इसका फल नहीं मिलता है. इसलिए ये महादान कहलाता है. जिसे करने पर भी अंहकार हावी नहीं होता है.

स्वर्ग-नरक और मोक्ष

हिंदू धर्म में कर्मों के फल के अनुसार स्वर्ग-नरक और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं, ऐसे में गुप्तदान मोक्ष या स्वर्ग प्राप्ति का कारक बन जाता है.

नहीं मिलता पुण्य

आमतौर पर दान देने के बाद लोग इसकी चर्चा करते हैं और अपना ही गुणगान करते हैं, ऐसा करने पर दान का महत्व और फल दोनों ही खत्म हो जाते हैं.

दान गुप्त हो

दान ऐसा होना चाहिए तो किसी को पता ना हो और जरूरतमंद की मदद हो जाए.दान के साथ अगर अंहकार हावी हो जाएं तो ये दान पाप समान है

शुभफल

शास्त्रों में कुछ विशेष प्रकार के दान के बारे में बताया गया है जो शुभ फलों की प्राप्ति करा देते हैं

कन्यादान

पिता द्वारा बेटी के विवाह के समय किया गया कन्यादान महादान कहलाता है.

जरूरतमंद का विवाह

लेकिन अगर किसी घर में बेटी नहीं है तो किसी जरूरतमंद कन्या का विवाह करा कर ये पुण्य कमाया जा सकता है.

जल

अगर पानी का दान किया जाए तो ये भी महादान की श्रेणी में ही आता है.

ऐसे रास्तों या जगहों पर जहां पानी की कमी हो पानी की व्यवस्था कराना महादान है.

खाना

किसी भूखे को खाना खिलाना भी महादान कहलाता है. इसलिए लोग अक्सर भंडारे का आयोजन करते हैं.

गुड़

शास्त्रों में गुड़ का दान भी शुभ बताया गया है, जिसको करने से सुख समृद्धि का वास आपके घर में होगा.

फल

फलदान को भी शास्त्रों में विशेष स्थान हासिल है, किसी जरूरतमंद या बीमार को किया गया फलदान पुण्य कमाने का अच्छा तरीका है.

गौदान

किसी गरीब ब्राह्मण को किया गया गौदान भी बहुत शुभ माना जाता है.

विद्यादान

किसी को पढ़ाना या फिर किसी गरीब के लिए इसकी व्यवस्था करना एक बड़ा महादान कहलाता है.

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