कब है कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में मनाई जाती है. कृष्ण जन्माष्टमी परंपरागत रूप से दो दिनों तक मनाई जाती है.

Pragati Awasthi
Sep 05, 2023

परंपरा

स्मार्त समूह इसे पहले दिन मनाता है, और वैष्णव संप्रदाय दूसरे दिन कृष्ण के जन्मोत्सव को याद करता है.

शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी 2023 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3:37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर 2023 को शाम 4:14 बजे समाप्त होगी.

रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर 2023 को सुबह 9:20 बजे शुरू होगा और 7 सितंबर 2023 को सुबह 10:25 बजे समाप्त होगा.

वृषभ

आप पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा है, वृषभ राशि के जातक विशेष रूप से शुभ कृष्ण जन्माष्टमी 2023 की आशा कर सकते हैं.आपके सभी कार्यों में सफलता मिलेगी और भाग्य आप पर मुस्कुराएगा.

कर्क

लड्डू गोपाल के आशीर्वाद से आपको शुभ परिणाम मिलने के योग बन रहे हैं. आप जो भी उद्यम शुरू करेंगे उसमें सफलता मिलेगी. बिजनेस करते हैं तो मुनाफा और अगर नौकरीपेशा हैं तो तरक्की होगी.

सिंह

इस बार लड्डू गोपाल आपके बिगड़े कामों को बनाने आ रहे हैं. मेहनत का फल मिलेगा और हर काम पूरा होने से परिवार में खुशियां रहेंगी.

बाल कृष्ण

कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की उनके बाल रूप में पूजा की जाती है. परिवार को आनंद और धन धान्य की प्राप्ति होती है.

दही हांडी

बाल कृष्ण के बाल स्वरूप की लीलाओं में कान्हा गोवियों की दही और माखन से भरी मटकी को फोड़ा करते थे. जब मटकी को ऊपर टांग दिया जाता तो फिर कान्हा मटकी फोड़ देते थे.

संतान सुख

बाल गोपाल को लड्डुओं और फलों का भोग लगाया जाता है और पसंदीदा व्यंजनों को भी अर्पित किया जाता है. माना जाता है इसदिन बाल गोपाल की पूजा और उपवास से संतान सुख मिलता है.

बाल गोपाल का भोग और श्रृंगार

चंदन का लेप, सुंदर पोशाक, मोर पंख और नई बांसुरी, जगंली फूलों से बनी माला और भोग में तुलसी के पत्ते, मखाना, मिश्री, सूखे मेवे और पंजीरी जरूर होने चाहिए

बाल कृष्ण का बीज मंत्र 21 बार पढ़ें

कराराविमदे पदरविमद्म मुखारविमद विनिवेशायतनमा | वातस्य पत्रस्य पुते शयनम बलं मुकुदम मनसा स्मरामि ||

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