शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर पढ़ें उनके 10 अनमोल विचार, बदल देंगे आपका जीवन

Ansh Raj
Sep 27, 2024

राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है.

मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी.

जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता.

मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी. इसके अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता.

जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दुसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है.

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है.

मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है.

आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं.

प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं.

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