राजस्थान में यहां बसी हैं टेढ़ी गर्दन वाली माता, पाकिस्तान से जुड़ा है इतिहास
Sneha Aggarwal
Apr 08, 2024
बाड़मेर
राजस्थान के बाड़मेर जिले से 55 किलोमीटर दूर विरात्रा वाकल माता मंदिर है.
राजा विक्रमादित्य ने की प्रार्थना
कहा जाता है कि 2 हजार साल पहले माता रानी से राजा विक्रमादित्य ने राक्षसों को मारने के लिए प्रार्थना की थी.
हिंगलाज माता
इसके बाद राजा ने हिंगलाज माता से कहा कि मां आप मेरे साथ चलो.
मां ने राजा से कही ये बात
ऐसे में माता रानी ने कहा बेटा मैं तो नहीं जा सकती हूं लेकिन मेरी शक्तिपीठ जरूर जाएगी.
शक्तिपीठ
लेकिन इस बात का ध्यान रखना कि यदि तूने पीछे मुड़ कर देखा तो यह शक्तिपीठ वहीं विराजमान हो जाएगी.
राजा विक्रमादित्य
वहीं, राजा विक्रमादित्य विरात्रा पहाड़ियों पर पीछे मुड़कर पश्चिम दिशा में देख लेते हैं, तो ऐसे में वह प्रतिमा यहीं स्थापित हो गई.
पाकिस्तान से जुड़ा इतिहास
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज मां जानी जाती हैं, जिसकी मान्यता देश में बहुत ज्यादा है. इन्हीं से विरात्रा माता का संबंध है.
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, विक्रमादित्य जब बलूचिस्तान गए तो उन्होंने माता हिंगलाज से कहा कि वह माता रानी को अपने साथ उज्जैन ले जाएंगे. ऐसे में राजा की विजय हुई और माता रानी उनके साथ चली गई.
पहाड़ी की चोटी पर देवी
वहीं, राजा ने पीछे मुड़कर देख लिया ऐसे में पहाड़ी की चोटी पर देवी का मंदिर स्थापित हो गया.
नया मंदिर
कहा जाता है कि भक्तों को पहाड़ पर चढ़ने में परेशानी होती तो भक्तों के प्रार्थना करने पर माता रानी की मूर्ति नीचे आ गई. वहीं, पर माता रानी का नया मंदिर बना.
वांकल माता
ऐसे में माता रानी की गर्दन टेढ़ी होने के चलते उनका नाम वांकल माता पड़ गया.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.