पूरे भारत में दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
नरक चतुर्दशी
वहीं, दिवाली से एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी से नाम से जाना जाता है.
छोटी दिवाली
छोटी दिवाली को यम का दिया जलाया जाता है. यह दिया मृत्यु के देवता यमराज के नाम का जलाया जाता है.
अकाल मृत्यु
कहते हैं कि नरक चतुर्दशी पर यम का दिया जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है.
यमदेव
साथ ही प्रार्थना की जाती है कि यमदेव नरक के दरवाजे बंद कर दें.
प्रदोष काल
छोटी दिवाली को सूर्य छिपने के बाद प्रदोष काल के दौरान यम का दिया जलाना चाहिए.
दिया
इसके लिए एक चौमुखी या कोई सामान्य दिया लिया जा सकता है.
4 बत्तियां
इसके लिए 4 बत्तियां इस तरह लगाएं जो चारों दिशाओं में इंगित करती हो. इसके बाद दिए में सरसों का तेल भर लें.
दक्षिणा दिशा
यम का दिया जलाने के बाद पूरे घर में घुमा दें और मुख्य द्वार पर दक्षिणा दिशा में रख दें.
प्रार्थना
दिया रखने के बाद प्रार्थना करें कि यम महाराज परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु के डर से मुक्ति दिलाएं.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.