राजस्थान में सरोगेसी से जन्मा मारवाड़ी घोड़ा, जानें क्या है इसकी खासियत

Ansh Raj
Sep 14, 2024

मारवाड़ी घोड़े राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में उत्पन्न हुई एक प्राचीन और विशिष्ट घोड़े की नस्ल है.

मारवाड़ी घोड़े की उत्पत्ति 12वीं शताब्दी में हुई थी, जब मारवाड़ क्षेत्र में राठौड़ वंश के शासकों ने घोड़े पालने की शुरुआत की.

इन घोड़ों को युद्ध, परिवहन, और कृषि कार्यों में उपयोग किया जाता था.

मारवाड़ी घोड़े अपनी अनूठी विशेषताओं और गुणों के लिए जाने जाते हैं। इनकी कुछ खास विशेषताएं हैं, जैसे कि यह पतले और लंबे शरीर में होते हैं.

मारवाड़ी घोड़ों की पीठ सीधी और मजबूत होती है. यह अपने लंबे और पतले कान की वजह से दिखने में और भी आकर्षक लगते हैं.

मारवाड़ी घोड़े अपनी वफादारी और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते हैं. ये घोड़े अपने मालिकों के प्रति वफादार होते हैं और जल्दी से सीखते हैं.

मारवाड़ी घोड़े का उपयोग युद्ध, परिवहन, और कृषि कार्यों में किया जाता था. ये घोड़े अपनी गति और चपलता के लिए प्रसिद्ध थे, जो इन्हें युद्ध में उपयोगी बनाता था.

आजकल, मारवाड़ी घोड़े को एक विलुप्तप्राय नस्ल माना जाता है और इसके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं.

राजस्थान में सरोगेसी से जन्मा मारवाड़ी घोड़ा का नाम राज-प्रथमा है. राज-प्रथमा का जन्म ICAR-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के बीकानेर स्थित इक्वाइन प्रोडक्शन कैंपस में हुआ था .

इसे भ्रूण स्थानांतरण तकनीक का उपयोग करके सरोगेट मां में स्थानांतरित किया गया था. यह तकनीक देशी नस्ल के घोड़ों की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकती है.

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