द्रोपदी का स्वंयवर

द्रोपदी के स्वंयवर में ये शर्त थी कि जो राजकुमार मछली की आंख पर निशाना लगा पाएगा वही राजकुमारी का वरण करेगा.

Zee Rajasthan Web Team
Oct 30, 2023

अर्जुन ने शर्त जीती

अर्जुन ने ये शर्त जीती और द्रोपदी का विवाह अर्जुन संग कर दिया गया और अर्जुन के द्रोपदी की विदाई कर दी गयी.

माता कुंती की गलती

जब अर्जुन घर पहुंचे और माता कुंती से कहा कि देखो में क्या लेकर आया हूं. तो माता कुंती ने बिना देखे ही जो भी हो पांचों पांडवों में बांट लो कह दिया

द्रोपदी बनी पांचाली

बाद में कुंती को अपनी भूल का अहसास हुए लेकिन माता के कहें वचन पांडवों को निभाने थे इसलिए द्रोपदी पांचों पांडवों की पत्नी हो गयी.

कौमार्य हमेशा बना रहा

5 पति होने के बाद भी द्रोपदी का कौमार्य हमेशा बना रहता था, इसकी वजह थी वेदव्यास का दिया गया आशीर्वाद

कौमार्य आ जाता था वापस

जिसके अनुसार जब द्रोपदी एक भाई से दूसरे भाई के पास जाएगी तो उसका कौमार्य फिस से वापस आ जाएगा.

द्रौपदी को देखना मना

द्रौपदी हर साल दूसरे पति के पास चली जाती थी इस दौरान किसी भी दूसरे भाई को द्रौपदी को देखना तक मना था.

द्रौपदी करती थी अग्नि स्नान

हर पति के पास जाने से पहले द्रोपदी अग्नि से गुजरती थी जिससे उनका कौमार्य वापस आ जाता था.

गृहस्थी साझा ना करें की शर्त

द्रोपदी ने पांचों पांडवों से शर्त रखी थी कि वो किसी और स्त्री के साथ अपना घर साझा नहीं करेंगे.

अर्जुन ने किया सुभद्रा से विवाह

हालांकि अर्जुन बाद में सुभद्रा को पत्नी के रूप में घर लाए, ये द्रौपदी से सहमति के बाद ही हो सका था. (डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)

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