खाटू श्याम बाबा कलियुग के अंतिम चरण में आने पर अवतार (भगवान विष्णु का 10वां अवतार) लिया. तब से उन्हें खाटूश्यामजी के रूप में पूजा जा रहा है.
रूप
खाटू श्याम बाबा कृष्ण के पर्याय हैं इसलिए उन्हें उसी रूप में पूजा जाता है.
एक श्याम कई नाम
खाटू श्याम बाबा को खाटू नरेश (खाटू के शासक), शीश रो दानी (सिर दान देने वाला), लखदातार (उचित निर्णय के बाद देने वाला), तीन बाण धारी (तीन तीर रखने वाला), हरया रो सहारो (पराजित का समर्थक) के नाम से भी जाना जाता है.
नाम
इसके अलावा उनको अहिलावती रो लाल (अहिलावती का पुत्र), पांडव कुल अवतार (पांडव कुल का पुत्र), भीमसेन रा कंवर (राजा भीम का पोता), लीले रा असवर (नीले रंग के घोड़े पर सवार), बाबा श्याम, आदि श्याम बाबा हैं.
डुबकी
ऐसा कहा जाता है कि इस तालाब में डुबकी लगाने से व्यक्ति की सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं.
पवित्र
फाल्गुन मेले में विभिन्न स्थानों से लोग यहां आते हैं और स्नान करके पवित्र हो जाते हैं.
बीमारी
लोग यहां से पानी लेते हैं, जिसका उपयोग वे कई बीमारियों को दूर करने के लिए करते हैं.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.