भगवान शिव के 11वें अवतार तेजाजी का राजस्थान में यहां हुआ था जन्म

Zee Rajasthan Web Team
Jun 17, 2024

शिव अवतार

वीर तेजाजी को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है.

घोड़ी का नाम लीलण

राजस्थान में विशेष रूप से पूजनीय वीर तेजाजी की घोड़ी का नाम लीलण था.

वीर तेजाजी के पास अस्त्र, तलवार और धनुष बाण रहता था.

तेजाजी गायों को बचाने के लिए जा रहे थे, तब एक सर्प क्रोधित हो गया और तेजाजी को डसने को आया.

तेजाजी ने सर्प को गायों को बचाने के बाद डस लेने का आग्रह किया और वचन देकर चले गए.

गायों को बचाकर वापस सर्प के पास पहुंचे तो सर्प ने तेजाजी जी के जख्म देखकर डसने से मना किया.

तेजाजी ने वचन पूरा करने के लिए जीभ निकालकर कहां कि यहां घाव नहीं है, इस पर सांप ने जीभ पर डसा.

तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल गांव में लाखों लोग मेले में हर साल आते हैं

चूरमा और नारियल का भोग

तेजाजी को गाजे-बाजे के साथ झंडे और चूरमा और नारियल का भोग लगता है.

मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में तेजाजी को पूजा जाता है.

हर साल 29 जनवरी को तेजाजी महाराज का जन्मदिवस मनाया जाता है.राजस्थान के नागौर के खरनाल में तेजाजी का जन्म हुआ था

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है

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