मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत अगर महिला के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन होता है तो क्या उसकी भी फोटो खींची जाती है या नहीं?
Zee Rajasthan Web Team
Jul 08, 2024
राजस्थान न्यूज
एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसा छपा था कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत अगर महिला के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन होता है तो उसकी भी फोटो खींची जाती है.
मीडिया रिपोर्ट में गलत जानकारी
साथ ही उस मीडिया रिपोर्ट में इस सरकारी योजना में 'मनमानी' के खिलाफ एक्शन कब होगा ऐसा लिखा गया.
RSHAA सीईओ मयंक मनीष
मामले को RSHAA सीईओ मयंक मनीष का बयान सामने आया है.
RSHAA सीईओ मयंक मनीष का बयान
RSHAA सीईओ मयंक मनीष ने स्पष्ट किया है कि निजी या सरकारी अस्पतालों में इलाज के बाद क्लेम के लिए प्राइवेट पार्ट या निजी अंगों की फोटो जरूरी नहीं है.
नियमों में उल्लेख नहीं
उन्होंने कहा कि निजी अंगों और जननांगों से जुड़ी सर्जरी के लिए फोटो की आवश्यकता का नियमों में कहीं उल्लेख नहीं है.
जालसाजी को रोकने के लिए फोटो जरूरी
इसके साथ ही गैर निजी अंगों से जुड़ी सर्जरी के लिए प्रभावित क्षेत्र और सर्जरी के बाद की फोटो जरूरी है. ये केवल जालसाजी को रोकने के लिए है.
कई बार बन जाती है ऑपरेशन की स्थिति
बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत बड़ी संख्या में महिला मरीज ब्रेस्ट, हिप्स और आंतरिक अंगों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करवाती हैं और कई बार ऑपरेशन की स्थिति भी बन जाती है.
5 लाख का क्लेम
5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज वाली इस योजना के क्लेम के लिए अस्पतालों में मरीज के चेहरे और उन अंगों की तस्वीर ली जाती है जिनका ऑपरेशन हुआ है.
ऑपरेशन के बाद प्राइवेट पार्ट की फोटो जरूरी नहीं
गौरतलब है कि एक निजी मीडिया रिपोर्ट में ऐसा पब्लिश किया गया था कि अगर कोई महिला मरीज अपने निजी अंग का ऑपेरशन करवाती है तो उसके निजी अंग की फोटो ली जाती है.लेकिन ऐसा नहीं होता है इसको लेकर RSHAA सीईओ मयंक मनीष ने स्पष्ट कर दिया है