खाटू श्याम क्यों कहलाते हैं 'हारे का सहारा'

Sneha Aggarwal
Mar 20, 2024

'हारे का सहारा'

खाटू श्याम बाबा कलियुग के सबसे ज्यादा पूज्यनीय भगवान माने जाते हैं. ऐसे में जानिए खाटू श्याम को 'हारे का सहारा' क्यो कहा जाता है.

मौरवी का आशीर्वाद

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, खाटू श्याम यानी बर्बरीक को अपनी माता मौरवी का आशीर्वाद मिला हुआ था कि वह जिस भी कमजोर शख्स का साथ देगा, उसकी हमेशा जीत होगी.

महाभारत

बर्बरीक की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है. बर्बरीक बलशाली भीम के पोते हैं.

युद्ध

बर्बरीक महाभारत का युद्ध देखने के लिए घर से निकले थे.

धर्म रक्षा

वहीं, महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण पांडवों को धर्म रक्षा की चलते जिताना चाहते थे.

साधु

ऐसे में भगवान कृष्ण बर्बरीक के आशीर्वाद के बारे में जानते थे. इसी के चलते उन्होंने साधु बनकर बर्बरीक को युद्ध में जाने से रोका.

शीश

वहीं, भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से उसका शीश दान में मांग लिया.

भेंट

बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश काटकर भेंट कर दिया.

वरदान

इससे भगवान कृष्ण खुश हुए और उन्होंने बर्बरीक को कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया.

हार

कहते हैं कि जो भक्त बाबा के सच्चे मन से दर्शन करने जाता है, उसको बाबा कभी हारने नहीं देते हैं. इसी वजह से बाबा को 'हारे का सहारा' कहा जाता है.

यह सभी बातें लोगों की आस्थाओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. इनकी पुष्टि ZEE Rajasthan नहीं करता है.

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