दार्जिलिंग में ये चाय सिर्फ 100 से 150 किलो ही पैदा होती है जिसे ब्रिटेन, अमेरिका और जापान के लोग खरीद लेते हैं.
ब्रिटिश राजघराना खासतौर पर इस चाय का दीवाना बताया जाता है. इस चाय तो तोड़ने के लिए भी खास तकनीक और दिन होता है.
सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय को पूर्णमासी की रात में ही तोड़ा जाता है. अगर थोड़ी से भी देर हुई तो सूर्य की पहली किरण भी इस चाय का स्वाद बिगाड़ सकती है.
इसलिए हाथ में मशाल लिए मजदूर रात में ही चाय की कलियों को चुन लेते हैं.
साल 2014 में इस चाय की हुई नीलामी में इसकी कीमत प्रति किलो 1.53 लाख रुपये थी.
वहीं फिलहाल मकाईबारी वेबसाइट पर 50 ग्राम चाय की कीमत 36 डॉलर यानी 3000 रुपये बतायी गयी है.
किलो के हिसाब से ये चाय 60 हजार रुपये में बाजार में मिल सकती है.
सालभर में सिर्फ 5बार इस चाय की पत्तियों को तोड़ जाता है और चाय बनायी जाती है.
सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय के स्वाद के बारे में कहा जाता है कि इसे पीकर स्वर्ग सा अहसास होता है.
भारत में ये चाय असम, केरल और पश्चिम बंगाल में उगाई जाती है.
चाय उगाने और उसकी पत्तियों को चुनने वाले लोग मानते हैं कि पूर्णिमा के दिन समुद्र में ज्वार आता है, जो काफी ताकतवर कहलाता है.
ऐसे में उस वक्त पूरे ब्रह्मांड की शक्ति धरती पर होती है और जो चीज बनती है वो भी ताकतवर हो जाती है. इसलिए पूर्णिमा के दिन ही चाय को तोड़ा जाता है.
चाय को तोड़ने की प्रक्रिया को देखने दूर दूर से सैलानी यहां पहुंचते हैं और इस पल का गवाह बनते हैं.