वसुंधरा राजे के खास

प्रह्लाद गुंजल को वसुंधरा राजे गुट का माना जाता है. ऐसे में 2023 में गुंजल को टिकट नहीं मिला और ओम बिरला से राजनीतिक गहमागहमी रही.

Pragati Awasthi
Mar 21, 2024

शांति धारीवाल के विरोधी

कोटा सीट पर प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल कई बार आमने सामने रहे और गुंजल कोटा उत्तर सीट से 2003 और 2013 में विधायक बनें.

पार्टी छोड़ने की वजह

2023 में विधानसभा में चुनाव नहीं मिलने पर गुंजल के पास ना तो पार्टी में कोई पद था और ना ही कोई जिम्मेदारी ऐसे में कांग्रेस का दामन थामना ही राजनैतिक करियर को बल दे सकता था.

कांग्रेस ने धारीवाल को क्यों नहीं चुना

अब सवाल ये उठता है कि लोकसभा चुनाव में कोटा से शांति धारीवाल की जगह प्रह्राद गुंजल को टिकट क्यों मिला, जानकार मान रहे हैं कि इसके पीछे की वजह मोदी वेव हो सकती है, जिसमें कांग्रेस के कई बड़े चेहरे मैदान में नहीं आना चाहते हैं.

क्या कांग्रेस को होगा फायदा

कोटा सीट से प्रह्लाद गुंजल को टिकट देने की वजह गुर्जर वोट बैंक भी हो सकता है. लेकिन ये वक्त ही बताएगा. कांग्रेस ये मान कर चल रही है कि गुंजल, ओम बिरला को हैटिक्र लगाने से रोक सकते हैं.

गुंजल ने किसे कहा मरी मछली

कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रह्लाद गुंजल ने कहा कि धारा में हमेशा मरी हुई मछलियां बहती हैं. जिंदा लोग हमेशा धारा के विपरीत चलते हैं. गुंजल के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

धारीवाल कार्यक्रम में नहीं पहुंचे

प्रह्राद गुंजल के कांग्रेस में शामिल होने के कार्यक्रम के दौरान शांति धारीवाल की गैर मौजूदगी ने ये साफ कर दिया कि वो खुश नहीं है. हालांकि गुंजल जरूर पार्टी में सबसे बात करने और सभी को साथ लेकर चलने की बात कर रहे हैं.

कोटा लोकसभा सीट

साल 2013, 2019 से ओम बिरला ही कोटा से सांसद रहे हैं और इस बार 2024 लोकसभा चुनाव में हैट्रिक का दावा किया जा रहा है .

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