बीज मंत्र

शिव पंचाक्षरी मंत्र - 'ॐ नमः शिवाय अर्थ - 'मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ

Pragati Awasthi
Aug 14, 2023

सब दुखों का अंत

शिव का पंचाक्षरी मंत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है. शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र भी कहा गया है.

अग्नि स्तंभ

मान्यता है कि भगवान शिव जब अग्रि स्तंभ के रुप में प्रकट हुए तब उनके पांच मुख थे.

5 तत्व

इन 5 मुखों में जो पांच तत्वों पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि तथा वायु के रूप थे

सर्वप्रथम जिस शब्द की उत्पत्ति हुई वो शब्द 'ॐ' ही था.

महामंत्र

शेष पांच शब्दों ' नम: शिवाय' की उत्पत्ति उनके पांच मुखों से हुई, जिसे सृष्टि का सबसे पहला मंत्र कहा गया.

मनोकामना पूरी

इस मंत्र के जाप से सभी मनोरथों की सिद्धि होती है. ये मंत्र भोग और मोक्ष दोनों को देने वाला है.

वेदों में ये है लिखा

वेदों के अनुसार शिव अर्थात् सृष्टि के सृजनकर्ता को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ 'ॐ नमः शिवाय' का जाप ही काफी है.

मंत्र के लाभ

भगवान शिव इस मंत्र से शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं.

भोलेनाथ की कृपा

इस मंत्र के जप से दुखों - कष्टों का निवारण होता है और महादेव की असीम कृपा भी मिलती है.

स्कन्दपुराण

स्कन्दपुराण में कहा गया है कि ॐ नमः शिवाय महामंत्र जिसके मन में वास करता है. वो भाग्यशाली है.

मंत्र जप

माना जाता है कि जो इस मंत्र को जपे उसे मंत्र, तीर्थ, तप या यज्ञों की जरूरत नहीं होती है.

यह मंत्र मोक्ष प्रदाता है,पापों का नाश करने वाला है साथ ही साधक को लौकिक,परलौकिक सुख भी देता है.

VIEW ALL

Read Next Story