सहदेव के पास थी भविष्य देखने की क्षमता

पांचों पांडवों में से एक सहदेव के पास थी भविष्य देखने की क्षमता महाभारत के हर मोड़ पर पता था आगे क्या होने वाला है

Aman Singh
May 07, 2024

श्रीकृष्ण की एक और बहन

सुभद्र के अलावा भगवान श्रीकृष्ण की एक और बहन थी जिसका नाम एकानगा था वह नंद और यशोदा की पुत्री थीं

एकलव्य का पुनर्जन्म थे द्रौपदी के भाई

गुरु द्रोणाचार्य का वध द्रौपदी के भाई धृष्टद्युम्न ने किया धृष्टद्युम्न ही एकलव्य के पुनर्जन्म थे जिसका अंगूठा एक बार गुरू द्रोणाचार्य ने मांग लिया था

महाभारत युद्ध में बच गया था एक कौरव

युयुत्सु ही एकमात्र ऐसा कौरव था जिसने महाभारत के युद्ध में दुर्योधन का नहीं पांडवों का साथ दिया था साथ ही महाभारत के युद्ध के बाद भी जिंदा रहा

धृतराष्ट्र, माता गांधारी और कुंती की मृत्यु

युधिष्ठिर के राजा बनने के कुछ दिनों बाद धृतराष्ट्र, माता गंधारी और कुंती वनवास को गए जहां जंगल में आग लगने से उनकी मृत्यु हो गई

युद्ध के 36 साल बाद श्रीकृष्ण की मृत्यु

श्रीकृष्ण की मृत्यु महाभारत युद्ध के 36 साल बाद ही हो गई थी

पांडव ने युद्ध के कुछ साल बाद ही छोड़ा राजपाट

पांडव भी महाभारत युद्ध के लगभग 36 साल बाद ही अपना राजपाट छोड़ हिमालय के रास्ते स्वर्ग को प्रस्थान कर गए

दुर्योधन की केवल एक शादी

दुर्योधन ने काम्बोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री भानुमति से विवाह किया था कहते हैं कि भानुमति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी

अर्जुन के पास था अद्भुत रथ

महाभारत रथ में अर्जुन के पास अद्भुत रथ था जिसके ऊपर पताका में हनुमान जी विराजमान थे और इसके सारथी स्वयं श्रीकृष्ण थे

अर्जुन की हुई थी दो बार मृत्यु

हिमालय की गोद में अर्जुन की मृत्यु से काफी पहले उनके और मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा के ही पुत्र बभ्रुवाहन ने एक भयंकर युद्ध में मार गिराया था

उलूपी ने अर्जुन को किया था जीवित

बभ्रुवाहन ने जब युद्ध में अर्जुन को मार गिराया तब नागकन्या उलूपी ने अर्जून को जीवन दिया

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