माता तारा

देवी महाकाली यह रुप दयालु हैं इस रुप में वह समस्त संसार का उद्धार और पोषण करती है, माता तारा का आह्वान मंत्र है. "ओम ह्रीं स्त्रीं हुं फट् स्वाहा"

माता त्रिपुर सुंदरी

देवी महाकाली इस रुप में सौंदर्य और सद्भाव का अवतार हैं, त्रिपुर सुंदरी आह्वान मंत्र है. "ओम ऐं क्लीं सौः"

माता भुवनेश्वरी

देवी महाकाली इस रुप में ब्रह्मांड की रानी, सभी पर कृपा बिखेरती हैं. माता भुवनेश्वरी का आह्वान मंत्र है,"ओम ह्रीं"

माता छिन्नमस्ता

देवी महाकाली इस रुप में बलिदान की प्रतीक स्वयंभू देवी हैं. माता छिन्नमस्ता का आह्वान मंत्र है, "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनये हुं हुं फट् स्वाहा "

माता धूमावती

देवी महाकाली इस रुप में विपत्ति की विधवा, धुँधली देवी हैं. माता धूमावती का आह्वान मंत्र है, "ॐ धुं धूमावती स्वाहा"

माता बंगलामुखी

देवी महाकाली इस रुप में वाणी को पंगु (लकवाग्रस्त वाणी ) बनाने वाली, शत्रुओं को वश में करने वाली हैं, माता बगलामुखी का आह्वान मंत्र है. “ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानं वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हाय कीलय कीलय बुद्धिं विनाशाय ह्लीं ॐ स्वाहा"

माता मातंगी

देवी महाकाली इस रुप में बोले गए शब्द और आंतरिक ज्ञान की देवी हैं, माता मातंगी का आह्वान मंत्र है. "ॐ ह्रीं ऐं क्लीं मातंगये स्वाहा"

माता कमला

देवी महाकाली इस रुप में धन की पोषण करने वाली और प्रचुर देवी हैं, माता का आह्वान मंत्र हैं. कमला"ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः"

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