हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानि कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. और इसके लिए पंचांग देकर शुभ मुहूर्त निकालने की भी जरूरत नहीं होती.

अक्षय तृतीया का दिन विवाह के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन हुई शादी के बाद हमेशा वैवाहिक सुख मिलता है.

माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर 10 महाविद्याओं में से एक श्रीमातंगी देवी का अवतार हुआ था.

इसी दिन त्रेता युग और सत्युग की भी शुरुआत हुई थी. जिसे युगादि तिथि कहा जाता है.

अक्षय तृतीया के दिन ही चारधाम के कपाट खुलते हैं, जिसमें सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलते हैं.

अक्षय तृतीया के दिन सोना या चांदी खरीदना या फिर नया बिजनेस शुरु करना अच्छा माना जाता है.

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और श्री विष्णु की पूजा के साथ ही पौराणिक कथा का पाठ करना चाहिए और स्वर्ण के बराबर मानी गयी जौ का दान करना चाहिए.

अक्षत तृतीया 2023 के दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा

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