घर बैठे पिंडदान

पितरों की आत्मा की शांति के लिए तो घर बैठे भी करा सकते है पिंडदान या पंडितों के द्वारा घर पर करा सकते हैं.

Anuj Kumar
Sep 17, 2023

पितरों को आत्मा की शांति

पितरों की आत्मा की शांति के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ तर्पण किया जाता है, इसे ही श्राद्ध कहा जाता है.

पितृपक्ष में पूर्वजों का करें ध्यान

पुराणों के अनुसार पितृपक्ष में मृत्यु के देवता यमराज सभी जीवों को मुक्त कर देते हैं.

पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध

पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं.

गया में मिलता है मोक्ष

इस स्थान पर पितृपक्ष में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

भगवान राम ने किया था पितृ कर्म

भगवान राम ने 14 साल के वनवास के दौरान पुष्कर में अपने दिवंगत पिता दशरथ का श्राद्ध किया था.

पुष्कर तीर्थ में पितृ कर्म

मान्यता है कि पुष्कर तीर्थ में पितृ कर्म करने से पूर्वजों को आत्मशांति मिलती है.

E- पिंडदान

आप घर बैठे ऑनलाइन पिंडदान करा सकते हैं.

श्राद्ध कर्म, तर्पण, ब्रह्म भोजन

किसी ब्राह्मण के द्वारा श्राद्ध कर्म, तर्पण, ब्रह्म भोजन, पञ्चबलि कार्य कर सकते हैं.

नदी, तालाब में स्नान करें

अपने घर के आसपास नदी, तालाब में स्नान करें. गया क्षेत्र का ध्यान लगाते हुए अपने पितरों का तर्पण करें.

पितरों को तर्पण

पितरों को पूरे दिनों तक जल, तिल, फूल से पितरों का तर्पण रोज करना चाहिए.

पितर होंगे तृप्त

पितृपक्ष में ब्राह्मणों को और पक्षियों को दान और भोजन कराएंगे तो पितर तृप्त होंगे और आप तरक्की करेंगे.

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