ये सब है वर्जित

पितृ पक्ष के दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. शादी-मुंडन कोई भी संस्कार इन समय नहीं होता है.

user Pragati Awasthi
user Sep 27, 2023

इसकी है मनाही

पितृपक्ष में नाखून और बाल नहीं काटे जाते हैं. ऐसा शास्त्रों में लिखा है.

हनुमान चालीसा पाठ

हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और श्राद्ध कर्म को अच्छे से करना चाहिए.

दान से होगा कल्याण

गरीब-विकलांग और विधवा महिला को दान दें और हर दिन गीता का 7वां अध्याय या मार्कण्डेय पुराणांतर्गत पितृ स्तुति करें.

ये जरूर करें

तेरस, चौदस, पूर्णिमा और अमावस्या के दिन गुड़ घी की धूप दें.

मांसाहार से दूरी

मांस और मदिरा से दूर रहें और महिलाओं का सम्मान करें.

तिलक लगाएं

घर का वास्तु ठीक करवाएं और केसर-चंदन का तिलक लगाएं.

गया में तर्पण पिंडदान करें और गुरु ग्रह का उपाय भी करें.

रुकावटें

हर काम में रुकावट और गृहकलह अगर कोई हो रहा है तो इसका अर्थ है पितर नाराज हैं.

संतानसुख नहीं

पितर नाराज हैं तो संतान पैदा होने में बाधा आती है अगर हो जाए तो आपकी विरोधी रहेगी और आप हमेशा दुखी रहते हैं.

सुख की कमी

पितर नाराज हैं तो वैवाहिक जीवन अस्थिर रहता है और हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं.

पितरों को ना करें नाराज

पितरों के नाराज होने पर अचानक हादसे का डर रहता है, ये ही नहीं जेल तक जाने की नौबत आ सकती है.

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