राजस्थान को वो गांव, जहां दिवाली पर श्माशन घाट में होती है पूजा

Sneha Aggarwal
Oct 30, 2024

राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर गांव के गूंता में दिवाली पर श्मशान घाट में सती माता की पूजा की जाती है:

यहां आस-पास के गांवों की महिलाएं होली और दिवाली पर नंगे पांव पैदल चलकर श्मशान घाट जाती हैं. यहां बैठकर सती माता की कहानी सुनी जाती है.

साथ ही यहां नवजात बच्चों को ले जाकर महिलाएं धोक लगवाती हैं.

ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से बच्चों को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है.

यहां एक मान्यता है कि करीब 400 साल पहले गूंता गांव का एक लड़का और बाबरिया गांव की एक लड़की की सगाई हुई थी.

लड़की के पति की मौत हो जाने के बाद, लड़की भी अपने पति के पास श्मशान घाट पर सती हो गई थी.

कहते हैं कि लड़की को अपने पति की मृत्यु का पता लगा, तो उसने अपने हाथों पर गोबर की जगह मेहंदी रचने लगी.

इसके बाद, उसका शरीर स्वत ही अग्नि लग गई और वह सती हो गई.

कहते हैं कि माता सती के साथ यहां एक कुत्ता भी आया था, जो उस जगह पर कुछ दूरी पर पत्थर की मूर्ति के रूप में बन गया.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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