इनकी वजह से चांद पर लहराया तिरंगा, चंद्रयान के रियल हीरो

Zee Rajasthan Web Team
Aug 24, 2023

ISRO ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने सफलतापूर्वक चांद के साउथ पोल पर लैंडिग कर ली है

लेकिन क्या आपको पता है कि वो कौन लोग हैं, जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाया है

भारत के लिए ये एक बहुत ही ऐतिहासिक पल है, जब चांद पर हमारा तिरंगा लहरा रहा है

आइए देखते हैं इस मिशन को सफल बनाने के पीछे किन लोगों का हाथ है.

डॉ. एस. सोमनाथ, अध्यक्ष, इसरो

एक हिंदी शिक्षक के बेटे, सोमनाथ की रुचि विज्ञान में थी. बाद में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया लेकिन रॉकेट्री में उनकी सक्रिय रुचि थी. 1985 में सोमनाथ को इसरो में नौकरी मिल गई और वे तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में शामिल हो गए

डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर, निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र

डॉ. एस. उन्नीकृष्णन ने केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है.

डॉ. पी. वीरमुथुवेल, परियोजना निदेशक, चंद्रयान-3

एक रेलवे कर्मचारी के बेटे, डॉ. पी. वीरमुथुवेल का लक्ष्य हमेशा आसमान छूना था. तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के रहने वाले, वीरमुथुवेल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा किया और इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की. बाद में उन्होंने आईआईटी-मद्रास से पीएचडी की. वह 2014 में इसरो में शामिल हुए.

एम. शंकरन, निदेशक, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर

इन्होंने यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक के रूप में पदभार संभाला. वह वर्तमान में संचार, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग, मौसम विज्ञान और अंतर-ग्रहीय अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के उपग्रहों के लिए नेतृत्व कर रहे हैं.

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