पितृगण भूखे न जाएं और दीपक की रोशनी में पितरों को जाने का रास्ता दिखाएं.
इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें.
यदि आप पूरे श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण नहीं कर पाए हैं तो इस दिन पितरों का तर्पण कर सकते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या पर ये उपाय करने के बाद पीछे मुड़कर न देखें और वापस अपने घर को आ जाएं.
पेड़ की जड़ में भोजन रखते समय ये प्रार्थना करें कि हे पितृ देव आप यह भोजन खाकर तृप्त हो जाएं और घर से पितृ दोष को दूर करें.
आश्विन अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त होते हैं इसलिए इस दिन पितरों के पूजन का बड़ा महत्व है.
सर्व पितृ अमावस्या की शाम को एक पीतल के दीपक में सरसों का तेल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ रखें.
जीवन में एक साथ कई सारे दुखों का आना और लंबे समय तक बने रहना पितृ दोष का संकेत हो सकता है.
मान्यता है कि इस दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है, जिनकी तिथि भूल चुके हैं.
यदि किसी वजह से आपको अपने पितरों के श्राद्ध की तिथि याद न हो तो, इस दिन उनका श्राद्ध किया जा सकता है.
पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है क्योंकि पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं
इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें.
आश्विन अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त होते हैं, इसलिए इस दिन पितरों के पूजन का बड़ा महत्व है.
सर्व पितृ अमावस्या को पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं. जाते समय पितर अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को आशीर्वाद देकर जाते हैं.