छात्रों के ज़हन में जोश भर देंगे स्वामी विवेकानंद जी ये विचार

Ansh Raj
Oct 05, 2024

विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं.

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.

सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है.

बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं.

दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.

शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं, विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं.

अध्यात्म और ज्ञान को जीवन के मुख्य उद्देश्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही सच्ची शक्ति है.

"उत्थानो जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक रुको नहीं"। यह विचार हमें अपने आत्म-विश्वास और आत्म-जागरूकता को बढ़ाने की प्रेरित करता है.

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