महाभारत के इस योद्धा को मिला है आजीवन अमरत्व का श्राप

Aman Singh
May 20, 2024

एक ऐसा पिता जिसके कारण उसके पुत्र को अमरत्व का वरदान नहीं श्राप मिला था

ये पिता गुरु द्रोणाचार्य थे और उनका बेटा अश्वत्थामा था जिसे आजीवन अमर रहने का श्राप मिला

अश्वत्थामा दिन के साथ-साथ रात में भी अस्त्रों का प्रयोग करना जानता था जबकि इस शिक्षा से कौरव-पांडव वंचित थे

अश्वत्थामा को ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना उनके पिता गुरु द्रोणाचार्य ने सिखाया था

जब द्रोणाचार्य ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना सबको सिखा रहे थे तब अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्र को वापस लेने का मंत्र नहीं सीखा था

अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र चलाना तो सीख लिया लेकिन वापस लेने की विधि नहीं सीखी

अश्वत्थामा ने सोचा कि गुरु तो उसके पिता ही हैं वो कभी भी ब्रह्मास्त्र वापस लेना सीख सकता है

द्रोणाचार्य ने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा अश्वत्थामा को भुगतना पड़ा

महाभारत युद्ध के बाद अर्जुन और अश्वत्थामा ने एक दूसरे पर ब्रह्मास्त्र चलाया

अर्जुन ने तो वेदव्यास के कहने पर अपना ब्रह्मास्त्र वापस लौटा लिया लेकिन अश्वत्थामा लौटाना नहीं जानता था

अश्वत्थामा ने उत्तरा के पेट में पल रहे बच्चे की ओर यह ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया

जिस कारण अश्वत्थामा को श्री कृष्ण से श्राप मिला उसकी मनी निकाल ली गई और कलयुग के अंत तक धरती पर भटकने के लिए छोड़ दिया गया

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