स्वर्ग की अप्सराएं

आपने बचपन से ही स्वर्ग की अप्सराओं के बारे में तो सुना ही होगा. कहा जाता है कि सुंदर स्त्रियां हमेशा से ही पुरुषों की कमजोरी रही हैं.

Sandhya Yadav
Jun 14, 2023

अपूर्व सुंदरियां

हिंदू पौराणिक कथाओं में कई ऐसी अपूर्व सुंदरियों का जिक्र किया गया है, जिनकी सुंदरता और कामुक अदाओं से कोई भी बच नहीं पाता था.

11 प्रमुख अप्सराएं

यही वजह थी कि बेहद सुंदर स्त्रियों को अप्सरा कहा जाता था और ये स्वर्ग लोक में निवास करती थी. पुराणों में स्वर्ग में 11 प्रमुख अप्सराओं का जिक्र किया गया है जो कि इंद्रलोक में रहती थी. इनके पास सौंदर्य के धन के साथ-साथ जादुई शक्तियां भी होती थी.

ऋषि मुनि और राक्षस तक सब मोहित

आज हम आपको स्वर्ग लोक की ऐसी प्रमुख 11 अप्सराओं के बारे में बताएंगे, जिन्हें देखकर देवता ही नहीं, ऋषि मुनि और राक्षस तक सब मोहित हो जाते थे. कईयों की तपस्या भंग हो जाती थी.

पुंजिकस्थला

बताया जाता है कि हनुमान जी की मां अपने पूर्व जन्म में पुंजिकस्थला नाम की अप्सरा थी. इन्हें श्राप मिला था कि जब उन्हें प्रेम होगा तो वह वानरी बन जाएंंगी.

मेनका

मेनका इतनी ज्यादा खूबसूरत अप्सरा थी कि उसने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग कर दी थी. इसके बाद मेनका ने ऋषि विश्वामित्र से विवाह भी रचाया था. लक्ष्य पूरा होने के बाद वह वापस इंद्रलोक लौट गई.

रंभा

रंभा को स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सराओं में से एक माना जाता था. उनके सौंदर्य पर हर कोई मोहित हो जाता था. रंभा कुबेर के पुत्र नलकुबेर की पत्नी कही जाती हैं.

उर्वशी

उर्वशी की सुंदरता स्वर्ग लोक की अप्सराओं में अतुलनीय मानी जाती है. कहा जाता है कि इनकी उत्पत्ति नारायण की जंघा से हुई है. उर्वशी का ह्रदय अर्जुन पर आया था लेकिन अर्जुन ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसकी वजह से नाराज उर्वशी ने अर्जुन को नपुंसक होने का श्राप दिया था.

घृताची

घृताची की खूबसूरत काया पर हर कोई मोहित हो जाता था. कहा जाता है कि घृताची को निहारने मात्र से ही एक बार वेदव्यास ऋषि भी कामाशक्त हो गए थे. इसके चलते ही सुखदेव उत्पन्न हुए.

तिलोत्तमा

तिलोत्तमा इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि इनके जाल में फंस कर दो असपर भाई सुंद और उपसुंद ने एक-दूसरे को मार डाला था. इस तरह से तिलोत्तमा नामक अप्सरा ने अपनी खूबसूरती को हथियार बनाकर पृथ्वी को इन असुरों के अत्याचारों से बचाया था.

प्रम्लोचा

बला की खूबसूरत अप्सरा प्रम्लोचा के बारे में कहा जाता है कि इन्होंने ऋषि कंड्डू की तपस्या भंग की थी. दोनों में अपार प्रेम था लेकिन यह सत्य छिपाने के लिए प्रम्लोचा को 907 साल पृथ्वी पर निवास करना पड़ा था.

पूर्वचित्ति, वर्चा, कृतस्थली और अनुम्लोचा

इन अप्सराओं के अलावा पूर्वचित्ति, वर्चा, कृतस्थली और अनुम्लोचा नाम की चार अप्सराएं भी अपूर्व सुंदरी मानी जाती हैं. इन अप्सराओं ने इंद्र के कहने पर कई ऋषि-मुनियों की तपस्या भंग की थी

मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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