गुरुनानक देव की जयंती प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारों में खास रौनक देखने को मिलती है. इस दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजी पालकी में रखकर पूरे नगर में घुमाया जाता है और अंत में गुरुद्वारे वापस लाया जाता है.
यूपी के ऐतिहासिक और प्राचीन गुरुद्वारे की बात करें तो आगरा में सिकंदरा के पास स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल को यूपी में सिखों को महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है.
गुरु का ताल मूल रूप से एक ताल (जलाशय) था जिसे जहांगीर के शासनकाल के दौरान 1610 ई. में बनवाया गया था. इसका प्राथमिक उद्देश्य उस समय सिंचाई था.
यह एक ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है जो सिखों के नवे गुरु श्री गुरु तेग बहादुर को समर्पित है, वो खुद मुगल शासक औरंगजेब के सामने पेश हुए थे.
गुरुद्वारे का पूरा परिसर हरे-भरे बगीचों से सुसज्जित है. यहां संतों के निरंतर मंत्रोच्चारण से आध्यात्मिक माहौल को बढ़ावा मिलता है, जिससे भक्ति का माहौल बनता है.
इस गुरुद्वारे में आने वाले भक्त और श्रद्धालुओं के लिए यहां 24 घंटे लंगर चलता है जिसमें प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती है.
सिखों के प्रमुख त्योहार जैसे गुरु पर्व या प्रकाश पर्व आदि यहां आने के लिए सबसे बढ़िया समय है क्योंकि इस दौरान यहां खास सजावट और भजन कीर्तन कार्यक्रम किये जाते हैं.
गुरु का ताल गुरुद्वारा में कोई एंट्री फी नहीं है. यह गुरुद्वारा श्रद्धालुओं के लिए सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है
आगरा देश के दूसरे शहरों से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है. आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से यह गुरुद्वारा 10.3 कि.मी. है. और निकटम हवाई अड्डा 12.3 कि. मी. है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.