मुगलों ने भारत में शासन किया और मुगलों ने कई ऐतिहासिक इमारतें भी बनवाई. इनमें से एक है आगरा का ताजमहल और लाल किला.
मुगल शासकों के बारे में आपने किताबों में खूब पढ़ा होगा. उनकी कला, शासन, क्रूरता और भी न जानें क्या-क्या...
बहुत से विवाद हैं जो मुगलों के साथ जुड़े हुए हैं, इन्हीं में से एक है आगरा का मीना बाजार.
मीना बाजार की शुरुआत हुमायूं के शासनकाल में की गई थी, लेकिन प्रसिद्धि इसे अकबर के शासनकाल में मिली.
ऐसा कहते हैं शाहजहां और मुमताज की मुलाकात भी इसी बाजार में हुई थी. ये दिलचस्प रहा होगा.
आइए जानते हैं चलिए आपको मीना बाजार की पूरी दास्तान बताते हैं.
मीना बाजार को आगरा के किले में बनाया गया था. यहां महिलाएं आती थीं और बाजार लगाया करती थीं.
बाजार लगाने वाली आम महिलाएं नहीं, बल्कि मीना बाजार में शाही परिवार की महिलाएं,राजपूतों की रानियां कई बड़ी-बड़ी हस्तियां होती थीं.
यहां केवल मुगल घरानों से संबंध रखने वालों को ही खरीदारी करने की इजाजत थी.दूसरे राजा यहां खरीदारी करने के लिए आ सकते थे.
मीना बाजार में ज्यादा कीमत पर सामान मिलता था. ऐसा भी कहते हैं कि बाजार में बिकने वाली महंगी चीजों से आने वाले पैसों को गरीबों में बांट देते थे.
ऐसा भी कहा जाता है कि हरम के बाद मीना बाजार मुगलों के लिए अय्याशी की दूसरी जगह बन गई थी. हालांकि इस चीज की स्पष्ट जानकारी नहीं है.
ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां और मुमताज की पहली मुलाकात मीना बाजार में ही हुई थी.
मीना बाजार अब कोठी मीना बाजार के नाम से जाना जाता है. यहां कभी-कभी कपड़ों की भी मार्केट लगती है. यहां मिडनाइट बाजार भी लगता है.