अलीगढ़ शहर यहां स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही अलीगढ़ शहर अपनी पुरानी ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है. यहां अंग्रेजों के जमाने की एक सुरंग भी है, जिसकी कहानी देश की आजादी से जुड़ी है.
अलीगढ़ के हकीम की सराय इलाके में एक सुरंग है. इसके बारे में कहा जाता है कि यह करीब 200 से 250 साल पुरानी है.
इतना ही नहीं इस सुरंग की लंबाई 35 फीट और चौड़ाई 7 फीट है. इस सुरंग की कहानी ब्रिटिश शासन काल से जुड़ी हुई है.
इस सुरंग को ब्रिटिश शासन काल के समय अलीगढ़ के क्रांतिकारी रहे उनके दादा मदनलाल हितेषी द्वारा चिन्हित किया गया था.
जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों से लड़ने के लिए क्रांतिकारी इसी सुरंग का इस्तेमाल करते थे.
इस सुरंग को अलीगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी रहे मदनलाल हितेषी द्वारा चुना गया था.
इस सुरंग की देखभाल मदनलाल हितेषी के परिवार द्वारा ही किया जाता है.
ये सुरंग प्रशांत हितेषी के मकान के बेसमेंट में मौजूद है.
सुरंग की जर्जर अवस्था होने पर इसकी मरम्मत का जिम्मा परिवार द्वारा उठा लिया गया था.
कहा जाता है कि जितने भी महान क्रांतिकारी हुए हैं, ये उन लोगों की छिपने की जगह हुआ करती थी.
अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारियों द्वारा अलीगढ़ में 1942 में एक बम कांड को अंजाम दिया गया था.
बम कांड को अंजाम देने के बाद क्रांतिकारी इसी सुरंग में आकर छिप गए थे.
इन काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.