अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 28 सितंबर, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.
इस दिन भगवान विष्णु को 14 गांठों वाला रक्षा सूत्र बांधने का विधान है, जिसे अनंत सूत्र कहा जाता है.
अनंत सूत्र में चौदह गांठ होती है. यह पहले भगवान को बांधा जाता है. इसके बाद घर के सदस्यों को बांधा जाता है.
शास्त्र के अनुसार, रक्षासूत्र में 14 गांठ 14 लोकों का प्रतीक मानी जाती है. यानी हर एक गांठ अलग-अलग लोक का प्रतिनिधित्व करती है.
14 लोक: भूलोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक.
इसके अलावा यह गाठें भगवान विष्णु के दिव्य 14 रूपों का भी प्रतीक मानी जाती हैं.
भगवान विष्णु के 14 रूप: अनंत, ऋषिकेश, पद्मनाभ, माधव, वैकुण्ठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण, दामोदर, गोविन्द.
मान्यतानुसार जो भी व्यक्ति अनंत चतुर्दशी पर श्रीहरि को रक्षासूत्र अर्पित कर खुद की बाजू में बांधता है उसे 14 लोकों के सारे सुख मिलते हैं.
श्रीहरि खुद उस व्यक्ति की आजीवन रक्षा करते हैं. उस व्यक्ति को 14 सहस्त्र पापों और 14 कष्टदायक योनियों से मुक्ति मिलती है.
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