टिहरी झील एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है. इसकी यही खासियत दुनिया को हैरान करती है. इसका निर्माण टिहरी बांध बनाकर किया गया.
टिहरी बांध एक चट्टान और मिट्टी से भरा तटबंध बांध है, जो उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल जिले के न्यू टिहरी में भागीरथी नदी पर बना है.
टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है. इसकी ऊंचाई 260.5 मीटर (855 फ़ुट) है. इसकी लंबाई 1,886 फ़ुट (575 मीटर) है.
टिहरी बांध दुनिया का आठवां सबसे बड़ा बांध है. ये भागीरथी नदी पर बना है. इसका शिखर 66 फ़ुट (20 मीटर) चौड़ा है.
1972 में टिहरी बांध के निर्माण को मंजूरी मिली थी. जबकि, टिहरी बांध का निर्माण 1978 में शुरू हुआ था और 2006 में पूरा हुआ.
टिहरी बांध की दीवार को पूरी तरह पत्थर और मिट्टी से भरकर बनाया गया. इस बांध में भागीरथी और भिलंगना नदी का पानी इकट्ठा होता है.
इस बांध का आधार 3,071 फुट (1,128 मीटर) चौड़ा है. इसका जलाशय 3,200,000 एकड़ फ़ुट (4.0 घन किलोमीटर) है.
इसका सतही क्षेत्रफल 20 वर्ग मील (52 किमी2) है. इसकी स्थापित जलविद्युत क्षमता 1,000 मेगावाट है. ये सिंचाई, नगरपालिका जल आपूर्ति, और बिजली पैदा करने के लिए बना है.
टिहरी जिला उच्च तीव्रता वाले भूकंप जोन का क्षेत्र है. ऐसे में नुकसान को रोकने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया है.
टिहरी झील और बांध पर्यटकों को आकर्षित करता है. पर्यटक यहां प्राकृतिक सुंदरता को निहारने आते हैं. इसके साथ ही झील में वॉटर गेम्स का भी आनंद ले सकते हैं.
टिहरी डैम पर फ्लोटिंग हाउस बने हुए हैं. एक तरफ से भागीरथी और दूसरी तरफ गंगा और बीच में ये फ्लोटिंग हाउस तैरते रहते हैं. इके आस-पास दूर-दूर तक पहाड़ और खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं.