उत्तराखंड की इस मशहूर मिठाई के पीएम मोदी भी दीवाने, विदेश में भी है भारी डिमांड

Preeti Chauhan
Sep 20, 2023

भारत की मिठाईयों की दीवानी दुनिया

भारत की मिठाईयों की दुनिया दीवानी है. इनकी मिठास इतनी जबरदस्त होती है कि लोगों को अपनी ओर खींच लेती है. भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न प्रकार की मिठाईयां काफी मशहूर है. जैसे हैदराबाद की बिरयानी और लखनऊ के टुंडे कबाब पहचान हैं उसी तरह उत्तराखंड की बाल मिठाई भी उसकी पहचान बन गई है.

बहुत पसंद की जाती है बाल मिठाई

खासकर कुमाऊं प्रांत के अल्मोड़ा शहर जो कि बाल मिठाई के शहर के नाम से भी जाना जाता है. आज बाल मिठाई सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी बड़े ही चाव से खाई जाती है.

PM मोदी भी मुरीद

अल्मोड़ा की बाल मिठाई के मुरीद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी है. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन से जीत की खुशी में उनसे अल्मोड़ा की बाल मिठाई खिलाने की बात कही.

नहीं भूल पाएंगे स्वाद

चॉकलेट के जैसी दिखाई देने वाली बाल मिठाई खाकर लोग इसका स्वाद सालों तक नहीं भूल पाते. आज हम आपको उत्तराखंड के कुमाऊ क्षेत्र की पहचान बन चुकी बाल मिठाई के बारे में बहुत कुछ बताएंगे.

चॉकलेट जैसी दिखती है ये मिठाई

बाल मिठाई को उत्तराखंड की चॉकलेट भी कहा जाता है. इसे खोए से बनाया जाता है. बाल मिठाई की ख़ासियत ये है कि ये खाने में कुरकुरी लगती है. स्वाद इतना लाजवाब है कि पर्यटक और यहां के लोगों की ये फ़ेवरेट मिठाई बन गई.

बाल मिठाई का इतिहास

इतिहासकारों का कहना है कि ये मिठाई 7वीं-8वीं सदी में नेपाल से उत्तराखंड आई. उसके बाद ये अल्मोड़ा कैसे पहुंची इसके प्रमाण तो नहीं हैं पर ये अल्मोड़ा की पहचान है. विद्वानों का यह भी मानना है कि बाल मिठाई शुरू में सूर्य देवता को अर्पित किया जाने वाला प्रमुख प्रसाद रहा होगा.

जोगाराम को जाता है श्रेय

बाल मिठाई को 20वीं सदी में प्रसिद्ध करने का श्रेय जाता है, लाला जोगाराम को. ऐसा कहा जाता है कि अल्मोड़ा के लाल बाज़ार में उनकी दुकान हुआ करती थी. उस समय सिर्फ उनकी दुकान में ही ये मिठाई बनाई जाती थी. ऐसा कहते हैं कि जोगाराम जी बाल मिठाई बनाने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए मशहूर एक गांव से स्पेशल क्रीम वाला दूध मंगवाते थे.

रोचक तथ्य

इस संबंध में एक रोचक तथ्य ये भी है कि अल्मोड़ा की बाल मिठाई अंग्रेजों को खूब पसंद आती थी. ऐसा पता चलता है कि अंग्रेज अफसर क्रिसमस के मौके पर एक दूसरे को भेंट के तौर पर बाल मिठाई भेजते थे.

कैसे तैयार होती है ये स्पेशल मिठाई

खोये को चीनी मिलाकर तब तक पकाया जाता है, जब तक कि वह दिखने में चॉकलेट के रंग जैसे नहीं हो जाता. फिर उसे कुछ समय तक जमने दिया जाता है. फिर आयताकार टुकड़ों में काट कर चीनी की सफेद गेंदों (खसखस) से सजाया जाता है.

100 से अधिक दुकानें

अल्मोड़ा शहर में बाल मिठाई लगभग 100 से ज्यादा जगहों पर मिलती है. चटख, कत्थई बर्फी पर चिपके मोती से दाने वाली यह मिठाई काउंटर में अलग ही कंट्रास्ट पैदा करती हैं.

प्राकृतिक समायोजन

ऐसा माना गया है कि बाल मिठाई प्रोटीन लैक्टोज, ग्लूकोज और वसा का ऐसा प्राकृतिक समायोजन है जो शुद्ध दूध से 5 गुना ज्यादा पौष्टिक तत्वों से युक्त हो जाता है. सॉफ्ट होने के कारण इसको खाना काफी आसान होता है.

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