काकलबर यानी धतूरे को लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं. खेत, खलिहान और खरपतवार में पाया जाने वाला कंटेदार यह धतूरा औषधीय गुणों से भरपूर है.
हम सभी जानते हैं भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूजा में उन्हें धतूरा चढ़ाया जाता है.
धतूरा का इस्तेमाल कई बीमारियों में भी किया जाता है. वैज्ञानिक दृष्टि से अगर आप धतूरे को सीमित मात्रा में लेते हैं तो ये औषधि का काम करता है.
धतूरे में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो घाव भरने में काम आता है. चोट लगने पर यह तेजी से घाव भरता है.
साथ ही पुरुषों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है. पुरुषों की शारीरिक क्षमता बढ़ाने में यह कारगर है.
धतूरे का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द में भी किया जा सकता है. इसके अलावा पैरों के सूजन या भारीपन के लिए भी आप धतूरे का प्रयोग कर सकते हैं.
गंजेपन से परेशान लोग या फिर जिनके बाल बहुत ही ज्यादा मात्रा में झड़ रहे हैं, वो लोग इसके रस को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं.
धतूरे के रस में ऐसे विशेष गुण मौजूद होते हैं, जो गंजेपन की समस्या को रोक देते हैं. धतूरे के रस को तिल के तेल के साथ मिलाकर लगाने तुरंत फायदा दिख जाएगा.
धतूरा वह पौधा है जिसका लेप लगाने से चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाएंगी.
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