महादेव का भक्त कैसे बना वासुकी नाग,‌ समुद्र को मथ डाला था

भगवान शिव

आपने हमेशा भगवान शिव के गले में नाग को लपटे हुए देखा होगा.

गले का हार

पर क्या सोचा है कि नाग महादेव के गले का हार कैसे बना और इसके पीछे की कहानी क्या है.

नाग देवता

भगवान शिव गले में नाग देवता को धारण करते है. इसलिए महादेव के साथ नागदेव भी पूजनीय हो जाते है.

कालसर्प दोष

नागदेव महादेव के गणों में से एक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार नागदेव की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है.

वासुकि

भगवान शिव के गले में जो नाग उनका हार बनकर हमेशा लिपटे रहते है. उनका नाम वासुकि है.

समुद्र मंथन

समुद्र मंथन की कथा आपने जरूर सुनी होगी, उस दौरान वासुकि नाग को ही रस्सी के रूप में मेरू पर्वत के चारों और लपेटकर मंथन किया गया था.

कान्हा की रक्षा

एक कथा में ये भी उल्लेख मिलता है. गोकुल जाते समय तेज बारिश और यमुना में आए तूफान से कान्हा की रक्षा वासुकि नाग ने हि की थी.

सांपो का राजा

वासुकि को हिंदु धर्म में सांपो का राजा कहा जाता है. वासुकि नाग के सिर मणि भी होती है. जिस नाग की शय्या पर भगवान विष्णु विश्राम करते है वह वासुकि के बड़े भाई है.

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