यूपी के चित्रकूट जिला धार्मिक और पौराणिक तौर पर खास महत्व रखता है. वनवास के दौरान भगवान राम यहां 10 वर्ष तक रुके थे.
जिले से कुछ ही दूरी पर एक कस्बा है, जिसे भरतकूप के नाम से जाना जाता है. यहां लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं.
यहां भगवान राम से जुड़े कई स्थान मौजूद हैं, जिनको देखा जा सकता है.
भगवान राम के राज्याभिषेक के लिए उनके भाई भरत जी सभी तीर्थों का जल लेकर राज्याभिषेक करने के लिए आए थे.
लेकिन जब जब भगवान राम ने राज्याभिषेक से मना कर दिया तब ऋषियों की आज्ञा पर यह जल एक कुएं में छोंड दिया गया. जिसका नाम भरत कूप है.
इसी के नाम पर कस्बे का नाम भी भरतकूप हो गया है.वर्ष में लाखों लोग भरतकूप में स्नान करने और जलपान करने यहां आते हैं.
यहां के महंत कहते हैं कि इस तरह का रामायण कालीन कूप दुनिया में कहीं और मौजूद नहीं होगा.
चित्रकूट के भरतकूप के इस कुएं में अगर कोई स्नान और पानी पीता है तो उसके जीवन में आ रही शरीर में बीमारियों से छुटकारा मिलता है. ऐसे तीर्थयात्री आते हैं जिन लोगों को बीमारियों से छुटकारा मिल चुका है.
मान्यता है कि रामायण कालीन कुएं का पानी आज भी गर्मी के मौसम में भी बिल्कुल ठंड रहता है और ठंड के समय में यह बिल्कुल गर्म पानी हो जाता है. ( यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है. )