यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं. यह फ्लेवोनॉयड, वीडियोलैक्टोन और एल्कलॉइड जैसे रसायन के साथ ही एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी भरपूर होता है.
भृंगराज पौधे को पीसकर या इसके पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं. इससे सेहत को जबरदस्त फायदे मिलते हैं.
साथ ही आप अपने भोजन आदि में इसका प्रयोग कर सकते हैं, यह आपको भोजन के स्वाद में बदलाव नहीं करता है.
आयुर्वेद में भृंगराज के पौधे को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं.
स्कैल्प के लिए सबसे अच्छा होता है भृंगराज पाउडर से तैयार किया गया हेयर मास्क. भृंगराज पाउडर से बने हेयर मास्क का इस्तेमाल करने से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, ग्रोथ भी बढ़ती है.
भृंगराज में कई ऐसे तत्त्व होते हैं जो बालों को काला रखने में मदद करते हैं. भृंगराज का इस्तेमाल करने से बाल सफ़ेद नहीं होंगे और एकदम नेचुरल रहेंगे.
लीवर से निपटने में भृंगराज की पत्तियों और जड़ से निकले अर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें वेडेलोलैक्टोन, इरसोलिक और ओलिनोलिक एसिड जैसे फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो लीवर विकार को ठीक करने की क्षमता के रूप में काम करते हैं.
भृंगराज के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. इन गुणों के कारण यह खांसी का कारण बनने वाले कीटाणुओं को खत्म करने में मददगार साबित हो सकते हैं.