बुंदेली होली में है ब्रज की और अवध की होली का समागम, सुनाई देती है फागें

Mar 18, 2024

असली होली

देश में होली की तैयारियां शुरू कर दी है, पर कहते है की असली होली तो गांवों में खेली जाती है.

फाग गाने वालों की टोलियां

बुंदेलखंड के गावों में आज भी होली से पहले चौक, चौराहो पर फाग गाने वालों की टोलियां घूंमने लगती है.

फसल पक कर तैयार

यहां पर फाल्गुल का महीना आते ही किसान के खेतों में फसल पक कर तैयार हो जाती है. और किसान खूशी से फाग गाते है.

फिजा में फाग

फागुन (Phagun) का महीना आये और बुंदेलखंड की फिजा में फाग ना गूंजे ऐसा हो ही नहीं सकता.

बुंलेदखंड की होली

बुंलेदखंड की होली की खाशियत है कि यहां पर एक ब्रज की मस्ती तो दूसरी ओर अबध की छेड़छाड़ एक साथ

'फाग' एक बुंदेली राग

बात 'फाग' की करें तो दरअसल 'फाग' एक बुंदेली राग (गीत) है. जिसे होली के समय गाया जाता है.

फाग का स्वर

होली के बीच फाग का स्वर छिड़ते ही बुंदेलखंड में बूढ़े, बच्चे, जवान और महिलाएं झूमने लगती है.

अनूठी परंपरा

फाग गायन बुंदेलखंड की एक अनूठी परंपरा है. जिसको यहां के निवासी यानी बुंदेली लोक निरंतर निभाते आ रहे है.

बुंदेलखंडी फाग

अधिकतर फाग गायक बताते है बुंदेलखंडी फाग में राम और कृष्ण के भाव पूर्ण गीत होते है. पर कुछ गीत प्रेम रस से भी भरे होते है.

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