क्या महिलाएं मस्जिद में जा सकती हैं? एंट्री को लेकर क्या कहता है इस्लाम

Preeti Chauhan
Nov 16, 2024

विविध धर्मों का देश भारत

भारत में कई धर्मों के लोग रहते हैं और सबकी अपनी-अपनी विशेषताएं है. हिंदू धर्म और मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए भी उनके धर्म के हिसाब से कुछ नियम बनाए गए हैं.

मस्जिद में महिलाएं

अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं मस्जिद में कम जाती हैं. वह घर पर ही नमाज पढ़ती है. आप सोच रहे होंगे कि मुस्लिम धर्म में महिलाएं मस्जिदों में नहीं जाती है और नमाज भी नहीं पढ़ती है.

मस्जिद में जाने और नमाज़ पढ़ने की अनुमति

आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है.इस्लाम में महिलाओं को महै. इस्लाम में इबादत को लेकर महिला-पुरुष में कोई फ़र्क़ नहीं किया जाता.

क्या आप जानते हैं

हाँ, इस्लाम में महिलाओं को मस्जिद में जाने की अनुमति है, लेकिन कुछ नियमों और शर्तों के साथ. ज़्यादातर मुस्लिम धर्मगुरु भी इस बात को कहते हैं और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करते हैं.

अलग-अलग प्रार्थना कक्ष

हालांकि, ज़्यादातर मस्जिदों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रार्थना कक्ष होते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पूजा के दौरान कोई भी चीज़ ध्यान केंद्रित करने से न विचलित करे.

सामान्य नियम

महिलाओं के लिए अलग से जगह होनी चाहिए. उन्हें ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए और उनका व्यवहार शालीन होना चाहिए. महिलाएं नमाज़ के समय पुरुषों से अलग खड़ी होनी चाहिए.

प्रार्थना के दौरान मुद्राओं का मतलब

इस्लाम में प्रार्थना के दौरान मुद्राओं का मतलब भी है कि पुरुषों और महिलाओं को एक साथ प्रार्थना नहीं करनी चाहिए.

महिलाओं के लिए प्रावधान

भारत में, जमात-ए-इस्लामी और अहल-ए-हदीस संप्रदाय की कुछ मस्जिदों में महिलाओं के लिए प्रावधान हैं. ज़्यादातर मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध नहीं है.

याचिकाएं दायर

सर्वोच्च न्यायालय में देश भर की सभी मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश की मांग वाली याचिकाएं दायर की गई हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने इन्हें सबरीमाला मामले से जोड़ दिया है

कुछ महत्वपूर्ण बातें

मस्जिदों में महिलाओं की उपस्थिति को प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन यह आवश्यक नहीं है.कुछ मस्जिदों में महिलाओं के लिए अलग से प्रवेश और निकास द्वार होते हैं.महिलाएं मस्जिद में नमाज़, तालीम और धार्मिक गतिविधियों में भाग ले सकती हैं.कुछ मस्जिदों में महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम और शिक्षा की व्यवस्था होती है।

मस्जिदों के नियम और शर्तें

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मस्जिदों के नियम और शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, महिलाओं को मस्जिद जाने से पहले वहां के नियमों की जानकारी लेनी चाहिए।

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

VIEW ALL

Read Next Story